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Illustration by @_ximena.arias
कहते हैं वो हमें भींगना नहीं आता
बादल की तरह कभी बरस कर तो देखो
कागज़ की कश्ती एक हम भी बनाएंगे
आंगन से कभी हमारे गुज़र के तो देखो
कहते हैं वो हमें इठलाना नहीं आता
सर्द हवाओं सी गुज़र कर तो देखो
स्पर्श से तुम्हारे संवर जाऊंगा मैं
सांसें हमारी कभी छु कर तो देखो
कहते हैं वो हमें उभरते नहीं आता
सुरज के तरह चमक कर तो देखो
पलकें झुका कर हम सुनते रहेंगे
आंखे उठा कर कुछ कह कर तो देखो
वो कहते है हम में बचपना नहीं है
बर्फ की तरह बरस कर तो देखो
मासुमियत ज़रा तुम्हें हम भी दिखाएंगे
अपनी गोद का सिरहाना बना कर तो देखो
भींगना इठलाना हमें भी आता है
तुम मौसम के तरह उभर कर तो देखो
अंदाज हमारा ज़रा हम भी दिखाएंगे
ख्वाबों से हकीकत में कभी आ कर तो देखो
रोज आते हैं बादल
छेड़ जाता है सुरज
ये हवाएं भी अपनी सी लगती है
वो छवि जो सपनों में देखीं थीं हमने
वो शायद हकीकत में किसी से तो मिलती है
क्या देखीं होगी उन्होंने भी हमारी छवि
और सपने हमारे और हमारी शिकायतो को लेके
चलो अब मिल जाओ कहीं नींदों से परे
सपनों को हकीकत बना कर तो देखो
मिल जाए कहीं तो जाने ना देंगे
खुद में उन्हें समां लेंगे हम
एक टक हमें बस सुनते रहे वो
और बस हंस कर बातें सुनाते रहे हम
और बस हंस कर बातें सुनाते रहे हम
I can't wait for Christmas so I published it now.Please tell me how it is.And tell what changes I h
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Part of the Life collection
Updated on June 28, 2021
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